जम्मू-कश्मीर में हुए अब तक के सबसे बड़े आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 37 जवान शहीद हो गए और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं। जम्मू- श्रीनगर नेशनल हाईवे पर अपराह्न सवा तीन बजे हमलावर ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी। धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए। इसके बाद घात लगाए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग भी की। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्कानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। सीआरपीएफ महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया, 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। इनमें ज्यादातर ऐसे जवान थे जो छुट्टी से लौट रहे थे। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा के लेथपोरा में काफिले पर हमला किया गया। भारी बर्फबारी के चलते बंद इस हाईवे को बुधवार को ही खोल गया था। सीआरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने बताया, हमलावर ने जिस बस में टक्कर मारी वह 54वीं बटालियन की थी जिसमें 44 जवान सवार थे। काफिला बृहस्पतिवार भोर में साढ़े तीन बजे जम्मू से निकला तो उम्मीद थी कि सूर्यास्त से पहले श्रीनगर पहुंच जाएगा।
घटना के तुरंत बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल को सील कर दिया गया। पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया है। हाईवे पर दोनों ओर से यातायात रोक दिया गया। सैन्य प्रतिष्ठानों तथा संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।